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‘पश्चिम बंगाल में 1 अगस्त से फिर शुरू हो मनरेगा योजना’, हाईकोर्ट का केंद्र को निर्देश

कोलकाता:  कोलकाता हाईकोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह 1 अगस्त 2025 से पश्चिम बंगाल में मनरेगा (100 दिनों की रोजगार गारंटी योजना) को फिर से लागू करे। हाईकोर्ट ने कहा कि केंद्र को यह अधिकार है कि वह पश्चिम बंगाल में योजना लागू करने के दौरान विशेष शर्तें, नियम और प्रतिबंध लागू कर सकती है, ताकि पहले जैसी गड़बड़ियों की पुनरावृत्ति न हो।

कोर्ट ने यह भी गौर किया कि बीते तीन वर्षों से योजना के तहत मजदूरी नहीं दी जा रही थी, क्योंकि कुछ लाभार्थियों को भुगतान में गड़बड़ी और अनियमितताओं के आरोप लगे थे। कोर्ट ने केंद्र से कहा कि ऐसी व्यवस्था बनाएं जिससे वास्तविक लाभार्थियों तक पैसा पहुंचे।

चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि केंद्र सरकार अपनी जांच जारी रख सकती है, लेकिन योजना को अब एक अगस्त से आगे के लिए लागू किया जाए। कोर्ट ने कहा कि योजना लागू करने वाले अधिकारी पहले की गलतियों से बचने के लिए विशेष शर्तें लागू करने के लिए अधिकृत हैं।

हाईकोर्ट ने माना कि मनरेगा के तहत मजदूरी के भुगतान में कुछ अनियमितताएं हुई हैं, जिसे केंद्र सरकार ने उजागर किया है। जस्टिस चैताली चटर्जी की सदस्यता वाली पीठ ने यह भी बताया कि अनियमितताओं के मामले में कार्रवाई शुरू हो चुकी है, कुछ पैसे की वसूली हुई है और वह रकम राज्य की नोडल एजेंसी के बैंक खाते में जमा है। पीठ ने कहा कि इस समय अदालत की कोशिश है कि करीब तीन वर्षों से रुकी हुई योजना को फिर से शुरू कराया जाए।

कोर्ट ने यह भी कहा कि जिन लोगों ने गलत तरीके से योजना का लाभ लिया, उन्हें बख्शा नहीं जा सकता। कोर्ट ने टिप्पणी की, इस समय अदालत की चिंता यह है कि योजना को भविष्य की दृष्टि से पश्चिम बंगाल में लागू किया जाए। यह योजना इस उद्देश्य से नहीं बनाई गई कि इसे अनिश्चितकाल के लिए रोक कर रखा जाए।

कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार के पास मजदूरी के वितरण में गड़बड़ी की जांच करने का पूरा अधिकार है। लेकिन अब भूतकाल की घटनाओं और भविष्य की योजना के क्रियान्वयन के बीच एक स्पष्ट रेखा खींचनी होगी। कोर्ट ने कहा कि यह कदम जनहित में है और मनरेगा कानून के उद्देश्य को पूरा करने में मदद करेगा।

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