भारत-अमेरिका व्यापार समझौता: अमेरिका ने कहा, “अभी और वार्ता जरूरी”

अमेरिकी प्रशासन ने भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उनका कहना है कि इस समझौते को अंतिम रूप देने से पहले दोनों देशों के बीच और चर्चा की आवश्यकता है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा तय की गई टैरिफ छूट की समय सीमा (1 अगस्त) खत्म होने वाली है।
“भारत को और आगे आना होगा”
अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर ने सीएनबीसी को दिए इंटरव्यू में कहा कि वॉशिंगटन, नई दिल्ली के साथ समझौते को पूरा करने के लिए और बातचीत चाहता है। उन्होंने बताया, “हम भारतीय अधिकारियों के साथ निरंतर वार्ता कर रहे हैं और चर्चा सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही है। भारत ने अपने बाजार को कुछ हद तक खोलने में दिलचस्पी दिखाई है।”
हालांकि, ग्रीर ने साफ किया कि अभी कुछ मुद्दों पर सहमति बननी बाकी है। उन्होंने कहा, “हम भारत के साथ बातचीत जारी रखने को तैयार हैं, लेकिन उन्हें और महत्वाकांक्षी होना होगा। हमें यह देखना है कि वे कितना आगे बढ़ने को तैयार हैं।”
भारत की व्यापार नीति पर अमेरिकी नजरिया
ग्रीर ने भारत की व्यापार नीति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत लंबे समय से अपने घरेलू बाजार की सुरक्षा को प्राथमिकता देता आया है। उन्होंने कहा, “भारत की नीति हमेशा से अपने स्थानीय उद्योगों को संरक्षण देने की रही है, और यही उनका व्यापारिक दृष्टिकोण है।”
उन्होंने चीन के साथ चल रही व्यापार वार्ता पर भी टिप्पणी की, लेकिन साफ किया कि उन्हें कोई बड़ी सफलता होती नजर नहीं आ रही।
ट्रंप का आशावादी रुख
इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया था कि भारत के साथ व्यापार समझौता जल्द ही पूरा हो सकता है। उन्होंने कहा था, “हम भारत के साथ एक बड़े समझौते के करीब हैं, जिसमें वे अमेरिकी उत्पादों के लिए अपने बाजार खोलेंगे।”
एक और सकारात्मक संकेत यह है कि अमेरिका ने भारत को उस टैरिफ चेतावनी पत्र नहीं भेजा है, जो कई अन्य देशों को 1 अगस्त तक समझौता न करने पर 35% टैरिफ लगाने की धमकी देता था। इससे साफ जाहिर होता है कि दोनों देशों के बीच समझौते की संभावनाएं अभी बरकरार हैं।