गुजरात में महिला डॉक्टर से 19 करोड़ की ऑनलाइन ठगी, साइबर जालसाजों ने तीन महीने तक बनाया दबाव

गुजरात के गांधीनगर में 65 वर्षीय महिला डॉक्टर के साथ एक हैरान कर देने वाला साइबर फ्रॉड हुआ है, जिसमें ठगों ने तीन महीने तक मानसिक भय और दबाव बनाकर उनकी ज़िंदगीभर की जमा-पूंजी – करीब 19 करोड़ रुपये – चकमा देकर हड़प लिए। यह मामला देश में अब तक के सबसे बड़े ‘डिजिटल अरेस्ट’ घोटालों में गिना जा रहा है।
मार्च में डॉक्टर को फोन आया, जिसमें खुद को पुलिस अधिकारी और पब्लिक प्रॉसिक्यूटर बताने वाले लोगों ने धमकाया कि उनके मोबाइल से आपत्तिजनक सामग्री फैलाई गई है, और अगर सहयोग नहीं किया तो मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फंसा देंगे। डर के मारे डॉक्टर लगातार मिल रही धमकी और फर्जी कानूनी कार्यवाही की आशंका से घिरती गईं। तीन महीने तक अलग–अलग नंबरों से डरावनी कॉल्स और वीडियो कॉल्स की बौछार हुई, जिसमें बार-बार कहा गया अगर पूरी आज्ञा नहीं मानी तो गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
इस मानसिक आतंक का असर इतना हुआ कि डॉक्टर ने 35 अलग-अलग बैंक खातों में अपनी जमा रकम ट्रांसफर कर दी। यहां तक कि अपने गहनों पर लोन लेकर भी ठगों को पैसे भेज दिए। आरोपी वीडियो कॉल से डॉक्टर की हर गतिविधि पर नजर रखते रहे और बाहर जाने पर भी उनसे लोकेशन पूछते रहे। कभी-कभी डॉक्टर अपने ही रिश्तेदारों से डर की वजह से कुछ भी साझा नहीं कर पाईं।
एक दिन अचानक कॉल्स आनी बंद हो गईं। तब उन्हें एहसास हुआ कि कुछ गड़बड़ हो गई है। जब बात सामने आई, तो जुलाई में उन्होंने साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सूरत से एक आरोपी को गिरफ्तार किया, जिसके खाते में करीब 1 करोड़ रुपये मिले। जांच एजेंसी पूरे रैकेट को बेनकाब करने और बचे हुए ठगों को पकड़ने में लगी है।
साइबर अपराधी किस तरह विश्वास और डर का फायदा उठाकर मासूम लोगों को आसानी से निशाना बना सकते हैं। पुलिस बाकी रकम और दूसरे आरोपियों की तलाश में जुटी है।