डिंपल यादव के अपमान पर अखिलेश का मौन: भाजपा ने उठाए सवाल

समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के खिलाफ मौलाना साजिद की आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद भाजपा ने सपा प्रमुख पर निशाना साधा है। भाजपा ने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव ने इस मामले में जानबूझकर चुप्पी साध रखी है, जो उनकी “वोट बैंक की राजनीति” को उजागर करता है।
महिला सम्मान से समझौता कर रही है सपा
उत्तर प्रदेश की महिला कल्याण मंत्री बेबी रानी मौर्या ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “नई दिल्ली की एक मस्जिद में धार्मिक नेताओं ने डिंपल यादव को ‘राजनीतिक हिंदू महिला’ कहकर उनके पहनावे पर अशोभनीय टिप्पणी की। यह सिर्फ एक सांसद का नहीं, बल्कि पूरे देश की महिलाओं का अपमान है।”
उन्होंने आगे कहा, “सपा नेता का इस पर मौन रहना साबित करता है कि वोट बैंक के लिए वे महिलाओं के सम्मान से भी समझौता कर सकते हैं। क्या अखिलेश यादव इस बात से सहमत हैं कि उनकी पार्टी में महिलाओं का सम्मान मौलवियों के हाथ में है?”
“तालिबानी सोच का समर्थन?”
मौर्या ने सवाल उठाया, “क्या अखिलेश यादव उन लोगों का समर्थन कर रहे हैं जो तालिबानी मानसिकता रखते हैं? अपनी ही पत्नी के अपमान पर चुप रहकर वे क्या संदेश देना चाहते हैं?”
उन्होंने जोर देकर कहा कि यह मामला सिर्फ डिंपल यादव तक सीमित नहीं है, बल्कि देश की हर बेटी के सम्मान से जुड़ा हुआ है। “भाजपा महिलाओं की इज्जत के लिए हमेशा खड़ी रहेगी, चाहे विचारधारा कुछ भी हो,” उन्होंने कहा।
कांग्रेस पर भी निशाना
मौर्या ने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए कहा, “प्रियंका गांधी ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ का नारा देती हैं, लेकिन इस मुद्दे पर उनकी भी जुबान बंद है। वोट बैंक की राजनीति के चलते राहुल गांधी भी चुप्पी साधे हुए हैं।”
इस पूरे विवाद ने एक बार फिर सियासी बहस को गर्मा दिया है। सवाल यह है कि क्या महिलाओं के सम्मान से जुड़े मुद्दों पर राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया उनके वोट बैंक के हिसाब से तय होती है? जनता इसका जवाब चुनाव के मैदान में देगी।