नगालैंड में विधायकों के पार्टी छोड़ने पर अजित पवार की पहली प्रतिक्रिया- उनकी बात नहीं सुनी जा रही थी

पुणे: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने रविवार को बताया कि नगालैंड में नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सात विधायकों ने वहां की सत्तारूढ़ पार्टी नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) में इसलिए शामिल होने का फैसला किया क्योंकि उन्हें ‘काम नहीं हो पाने की वजह से असंतोष’ था। शनिवार को नगालैंड की राजनीति में बड़ा बदलाव हुआ जब एनसीपी के सभी सात विधायक मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो की अगुवाई वाली एनडीपीपी में शामिल हो गए। इसके बाद 60 सदस्यीय नगालैंड विधानसभा में एनडीपीपी की ताकत बढ़कर 32 हो गई, जबकि पहले उनके पास 25 विधायक थे।
विधानसभा चुनाव का परिणाम और परिवर्तन
2023 के विधानसभा चुनावों में एनसीपी ने नगालैंड में अच्छा प्रदर्शन करते हुए तीसरे नंबर की पार्टी बनने में सफलता पाई थी। एनडीपीपी और उसकी सहयोगी पार्टी भारतीय जनता पार्टी पहले और दूसरे स्थान पर रही थीं। भाजपा ने उस चुनाव में 12 सीटें जीती थीं। वहीं जुलाई 2023 में जब अजित पवार महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हुए, तब एनसीपी में विभाजन हो गया। इसके बाद नगालैंड में पार्टी के सातों विधायकों ने अजित पवार का साथ चुना, ना कि एनसीपी के संस्थापक शरद पवार का।