Uttar Pradesh

ईवी खरीदने के बाद रजिस्ट्रेशन का रिफंड पाने को भटक रहे खरीदार, पैसा वापस करने का है प्रावधान

अलीगढ़: यह सिर्फ दो मामले नहीं बल्कि जिले में ऐसे 50 मामले हैं जिनमें खरीदार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदा लेकिन इसके लिए मिलने वाली रजिस्ट्रेशन से छूट का 1.35 करोड़ रुपया रिफंड नहीं हुआ है। इस पैसे को पाने के लिए वाहन खरीदार क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) के चक्कर काट रहा है। सरकार की नीति है कि ईवी खरीद पर खरीदार को रजिस्ट्रेशन का पैसा वापस मिल जाएगा।

विभाग का दावा है कि उनकी ओर से कोई कमी नहीं है। मुख्यालय स्तर पर औपचारिकताएं पूरी होनी हैं। इन सबके बीच खरीदारों को अपना ही पैसा वापस पाने के लिए लखनऊ और अलीगढ़ के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
50 ईवी के मामले हैं। इनके रिफंड के लिए हमारे स्तर से कोई प्रक्रिया शेष नहीं है। मुख्यालय स्तर से काम होना है। इसके अलावा हाइब्रिड के सभी 15 केसों में 2.89 लाख प्रति वाहन के हिसाब से हमने पैसा वापस कर दिया है।

यह है रिफंड की प्रक्रिया
वाहन एजेंसी की ओर से ऑन लाइन आवेदन किया जाएगा, स्थानीय आरटीओ प्रकरण को राज्य मुख्यालय भेजेगा। मुख्यालय कोषागार और एसबीआई से स्वीकृति के बाद खरीदार को रिफंड मिल जाएगा।

हाइब्रिड के रिफंड लेने के लिए हाईकोर्ट तक लगानी पड़ी दौड़
जिले में हाइब्रिड गाड़ियां खरीदने के 15 मामले हैं जिनका रिफंड पाने के लिए खरीदार को हाईकोर्ट तक का रुख करना पड़ा। स्थानीय संभागीय परिवहन विभाग ने सिस्टम एरर की वजह से गाड़ी की कीमत के हिसाब से टैक्स ले लिया था। बाद में वाहन खरीदार ने हाईकोर्ट में अपील की जिसके बाद पैसा वापस करने के आदेश किए गए।

आदेश के बाद भी पैसा पाने को करनी पड़ी कवायद
मैरिस रोड निवासी पूनम अग्रवाल ने जून 2024 में इनोवा हायक्रास गाड़ी खरीदी थी। इस पर 3.24 लाख रुपये रजिस्ट्रेशन टैक्स दिया। जब पूनम की जानकारी में आया कि सरकार इस प्रकार के वाहनों पर रजिस्ट्रेशन में छूट दे रही है तो विभाग में दावा किया लेकिन राहत नहीं मिली। हाईकोर्ट में रुख किया तो सितंबर 2024 में पैसा वापस करने का आदेश विभाग को दिया गया। मई 2025 में पैसा वापस मिला। इसी तरह रामघाट रोड निवासी वंदना अग्रवाल ने जून 2024 में इनोवा इनविटो गाड़ी खरीदी थी। 2.85 लाख रुपये टैक्स लगा था। इसे वापस पाने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया। अक्तूबर 2024 में आदेश हुआ। मई 2025 में पैसा मिला।

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