‘छोटी मिसाइल’ व ‘ड्रोन’ अटैक रोकने का फुलप्रूफ प्लान, हिफाजत करेंगे CAPF के 50000 जवान

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में तीन जुलाई से अमरनाथ यात्रा प्रारंभ हो रही है। इस बार भी अमरनाथ यात्रा पर पाकिस्तान के दशहतगर्दों की बुरी नजर है। खुफिया इकाई को जो अलर्ट मिल रहे हैं, उनके मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में लगभग ’50’ पाकिस्तानी दहशतगर्द छिपे हैं। साथ ही पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों के जम्मू-कश्मीर में मौजूद ‘मुखौटे’ समूहों के करीब दो दर्जन लोकल आतंकी भी सक्रिय हैं। ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारतीय सेना, अर्धसैनिक बलों और जम्मू कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर यात्रा रूट की सुरक्षा का फुलप्रूफ प्लान तैयार किया है। वे खुद जम्मू में सुरक्षा बलों के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं। पहलगाम हमले के बाद अमरनाथ यात्रा के रूट पर ‘छोटी मिसाइल’ और ‘ड्रोन’ से बम गिराना, ये दो बड़े संभावित खतरे बताए जा रहे हैं। इस तरह के हमलों को रोकने और यात्रा रूट की हिफाजत के लिए सीएपीएफ के 50000 जवानों को तैनात किया जा रहा है। फिदायीन अटैक को कैसे रोका जाए, इसे लेकर भी सुरक्षा बलों को जरुरी दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं।
बता दें कि इससे पहले अमरनाथ यात्रा को लेकर नई दिल्ली स्थित नॉर्थ ब्लॉक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बैठक लेते थे। इस बार वे खुद जम्मू कश्मीर पहुंचे हैं। उन्होंने 29 मई को जम्मू के राजभवन में एक अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक की है। इसमें जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्य सचिव, डीजीपी, सेना, सीआरपीएफ, बीएसएफ और खुफिया एजेंसियों के बड़े अधिकारी शामिल हुए। बैठक के दौरान बताया गया कि इस बार अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए लगभग 50 हजार सीएपीएफ जवान तैनात होंगे। इनके अलावा भारतीय सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस के जवान भी रहेंगे। देश के सबसे बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल ‘सीआरपीएफ’ की सर्वाधिक कंपनियां, अमरनाथ यात्रा के रूट पर तैनात रहेंगी। लगभग 220 कंपनियों को वहां तैनात किया जाएगा। हालांकि 100 से अधिक कंपनियां, पहले से ही जेएंडके में तैनात हैं।
डीजी सीआरपीएफ जीपी सिंह ने सीआरपीएफ की 47 बटालियनों के रेंज डीआईजी और कमांडिंग अधिकारियों के साथ बैठक की है। उन्होंने यात्रा रूट का जायजा लिया। बीएसएफ डीजी दलजीत चौधरी भी जम्मू कश्मीर में पहुंचे हैं। वे भी यात्रा मार्ग को फुलप्रूफ सिक्योर बनाने में जुटे हैं। बीएसएफ की करीब 143 कंपनियों को उक्त कार्य में लगाया जाएगा। एसएसबी की 97 कंपनियां और आईटीबीपी की 62 कंपनियां, यात्रा रूट के विभिन्न हिस्सों पर तैनात होंगी। सीआईएसएफ की लगभग 60 कंपनियों को लगाया जाएगा। केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के अलावा सेना की राष्ट्रीय राइफल ‘आरआर’ के जवान भी यात्रा के दौरान मुस्तैद रहेंगे।