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महिला सैन्य अधिकारियों को 6 अगस्त तक सेवा से न हटाने का आदेश; सीटी रवि के खिलाफ कार्रवाई पर रोक

नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि स्थायी नियुक्ति (परमानेंट कमीशन) न मिलने के खिलाफ याचिका दाखिल करने वाली शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) महिला अफसरों को 6 अगस्त तक सेवा से न हटाया जाए। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की बेंच ने साफ किया कि यह अंतरिम राहत उन सभी महिला अफसरों पर लागू होगी, जिनकी याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट या सशस्त्र बल अधिकरण में लंबित हैं।

कोर्ट ने यह भी कहा कि अब इस मामले में अगली सुनवाई 6 अगस्त 2025 को होगी और कोई भी स्थगन (adjournment) नहीं दिया जाएगा। बेंच ने बताया कि पहले सेना, फिर नौसेना, फिर वायु सेना और फिर तटरक्षक बल से जुड़े मामलों की सुनवाई क्रमवार होगी। 9 मई को कोर्ट ने केंद्र को कहा था कि 69 महिला अफसरों को तब तक सेवा से न हटाया जाए, जब तक उनकी याचिकाओं पर फैसला नहीं हो जाता। कोर्ट ने कहा था कि इस माहौल में (भारत-पाक तनाव के बीच) अफसरों का मनोबल गिराना सही नहीं है। ये अफसर बहुत काबिल हैं, इनकी सेवाएं कहीं और ली जा सकती हैं।

चिकित्सा पाठ्यक्रमों में दाखिला: तेलंगाना स्थायी निवास नियमों से जुड़ी याचिकाओं पर 2 जून को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तेलंगाना में चिकित्सा पाठ्यक्रमों (मेडिकल कोर्स) में दाखिले को लेकर स्थायी निवास (डोमिसाइल) नियमों पर दायर याचिकाओं पर सुनवाई 2 जून तक टाल दी। चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच ने कहा कि नौ याचिकाओं पर सुनवाई अब कोर्ट की गर्मी की छुट्टियों के दौरान आंशिक कार्य दिवस में की जाएगी। इनमें एक याचिका खुद तेलंगाना सरकार की भी है।

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