National

‘शीर्ष अदालत के आदेश को ठेंगा को दिखाकर काजीरंगा में अवैध खनन बढ़ा’, CEC ने किया दावा

नई दिल्ली: केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) ने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में अवैध खनन होने का दावा किया है। असम में एक सरकारी कर्मचारी की शिकायत और क्षेत्र-स्तरीय सत्यापन के आधार पर सीईसी ने 30 मई को शीर्ष अदालत को राष्ट्रीय उद्यान में अवैध खनन की स्थिति को लेकर रिपोर्ट सौंपी है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के पास असम के पार्कअप पहाड़ क्षेत्र में अवैध खनन जारी है। इसमें तेजी आई है, जबकि शीर्ष अदालत ने 2019 में उद्यान के संवेदनशील क्षेत्र में और उसके आसपास सभी खनन तथा संबंधित गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने सीईसी की रिपोर्ट के आधार पर ही पार्क अवैध खनन पर प्रतिबंध लगाया था।

कर्मचारी की शिकायत पर शुरू हुई जांच
दिसंबर 2024 में एक सरकारी कर्मचारी ने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में अवैध खनन की शिकायत की थी। शिकायत में 2019 से 2023 तक की गूगल अर्थ इमेजरी और साइट-विशिष्ट डेटा शामिल थे। शिकायत के बाद सीईसी ने असम वन और पुलिस विभाग से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी।

असम के प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने पांच फरवरी को सीईसी को विस्तृत रिपोर्ट सौंपी। जिसमें खनन पट्टों के निलंबन सहित की गई कार्रवाई की रूपरेखा दी गई। इसके बाद सीईसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि शिकायत में दी गई तस्वीरों से पता चला है कि खनन सुप्रीम कोर्ट के 2019 के प्रतिबंध आदेश के बाद बंद हो गया था, लेकिन 2021 के बाद फिर से शुरू हुआ और तेज हो गया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पार्क में पत्थर का खनन बोर्जुरी जलप्रपात और उसके आसपास की धाराओं के पास हो रहा था। कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद (केएएसी) ने वन क्षेत्रों और प्रस्तावित पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्रों में दर्जनों खदानों के लिए नई अनुमति दी, जो सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध का उल्लंघन है।

केएएसी न दे कोई पट्टा, दाखिल करे रिपोर्ट
समिति ने कहा कि केएएसी को ऐसी अनुमति देने का कोई अधिकार नहीं है। समिति ने सिफारिश की कि पार्कअप पहाड़ क्षेत्र और वन्य जलग्रहण क्षेत्रों में सभी खनन और संबंधित गतिविधियों को तत्काल रोक दिया जाए तथा कोई नया पट्टा न दिया जाए। समिति ने केएएसी को जलग्रहण क्षेत्र और काजीरंगा में बहने वाली धाराओं को चिन्हित करने के लिए एक विस्तृत जलग्रहण जल निकासी विश्लेषण रिपोर्ट प्रस्तुत करने को भी कहा।

Related Articles

Back to top button