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आरबीआई का बड़ा फैसला, वित्त वर्ष 2025 के लिए 2.68 लाख करोड़ अधिशेष हस्तांतरण को दी मंजूरी

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई)के केंद्रीय निदेशक मंडल की 616वीं बैठक आज मुंबई में रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस बैठक में आरबीआई ने एक महत्वपूर्ण वित्तीय निर्णय में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र सरकार को 2.68 लाख करोड़ रुपये (2.69 ट्रिलियन रुपये ) का अधिशेष हस्तांतरण करने की घोषणा की है। यह केंद्रीय बैंक द्वारा किया गया अब तक का सबसे बड़ा हस्तांतरण है, जिसमें चालू वित्त वर्ष में सरकार के राजकोषीय संसाधनों को काफी बढ़ावा मिल सकता है।

बोर्ड ने वैश्विक और घरेलू आर्थिक परिदृश्य की समीक्षा की जिसमें दृष्टिकोण में जोखिम को भी ध्यान में रखा गया। बोर्ड ने अप्रैल 2024 से मार्च 2025 के दौरान रिजर्व बैंक के कामकाज पर भी चर्चा की और वर्ष 2024-25 के लिए रिजर्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट और वित्तीय विवरणों को मंजूरी दी।

वर्ष 2024-25 के लिए हस्तांतरणीय अधिशेष संशोधित आर्थिक पूंजी ढांचे (ईसीएफ) के आधार पर तय किया गया है, जैसा कि केंद्रीस बोर्ड ने 15 मई 2025 को आयोजित अपनी बैठक में अनुमोदित किया था। संशोधित ढांचे में यह प्रावधान है कि आकस्मिक जोखिम बफर (सीआरबी) के तहत जोखिम प्रावधान आरबीआई की बैलेंस शीट के के 7.50 से 4.50 प्रतिशत की सीमा के भीतर बनाए रखा जाना चाहिए।

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