पहलगाम घटना के विरोध में मुसलमानों ने फूंका पाकिस्तान का झंडा, कहा- उस देश को मिट्टी में मिलाने का समय

लखनऊ: पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमले के विरोध में शुक्रवार को जुमा की नमाज के बाद मुसलमानों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान पाकिस्तान का झंडा जलाकर गुस्से और गम का इजहार किया गया। शहर की तमाम मस्जिदों में कश्मीर सहित देश भर से आतंकवाद के खात्मे और अमन व शांति की दुआ मांगी गई। साथ ही पाकिस्तान की साजिश को नाकाम करने के लिए आपसी मोहब्बत और एकता को मजबूत करने का आहवान किया गया। प्रदर्शन के बाद दो मिनट का मौन रखकर मृतकों को श्रद्धांजलि देने के साथ ही पाकिस्तान और इसराइल को आतंकी देश घोषित करने की मांग भी उठाई गई।
हिंदू और मुसलमानों को लड़ाने वाले पाकिस्तान के एजेंट
बड़ा इमामबाड़ा स्थित आसिफी मस्जिद में जुमा की नमाज के बाद प्रदर्शन की अगुवाई करते हुए मजलिसे उलमा ए हिन्द के महासचिव मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी ने पाकिस्तान को पापिस्तान बताते हुए कहा कि पाकिस्तान से जिस तरह के बयान आए हैं उससे जाहिर होता है वो हिन्दू और मुसलमानों को आपस मे लड़ना चाहता है। लिहाजा हमें उसकी साजिश को नाकाम करने के लिए आपस मे मिलजुल कर मोहब्बत और एकता को मजबूत करना होगा। उन्होंने कहा कि जो भी लोग हिंदू और मुसलमानों के बीच नफरत फैलाना चाहते हैं वो चाहे हिंदू हो या मुसलमान वो पाकिस्तान के एजेंट हैं।
उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि भारत से अलग हुए देशों को मिलाया जाए। उन्होंने कहा कि मारने वाले आतंकी मुसलमान नही है बल्कि पर्यटकों को बचाने वाले कश्मीरी नौजवान मुसलमान हैं। उन्होंने पहलगाम में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कुछ कट्टरपंथी गाजा में महिलाओ और बच्चों की हत्या पर खुशी मना रहे थे। उनको समझना होगा कि मौत का दर्द सबका बराबर होता है। उन्होंने पाकिस्तान और इसराइल को आतंकी देश घोषित करने की मांग की। इस मौके पर मौलाना सरताज हैदर, मौलाना रजा हुसैन, मौलाना आदिल फराज मुख्य रूप से मौजूद रहे।