सरकार संसद के मानसून सत्र में आईबीसी में संशोधन विधेयक ला सकती है; क्या हो सकता है बदलाव

केंद्र सरकार संसद के आगामी मानसून सत्र में दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) में संशोधन का प्रस्ताव ला सकती है। सूत्रों के हवाले से यह जानकारी सामने आई है। जानकारी के अनुसार दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) की धारा 31(4) में संशोधन किया जाएगा। यह विशेष खंड किसी भी समाधान योजना के लिए सीसीआई से पूर्व अनुमोदन को अनिवार्य करता है। सूत्रों ने कहा कि आईबीसी में संशोधन से भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) पर भार कम होगा।
उनके अनुसार एक बार नया संशोधन अपनाए जाने के बाद, आईबीसी मार्ग के तहत समाधान की योजना बनाने वाली कंपनी के लिए सीसीआई से अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी।
एजीआई ग्रीनपैक की समाधान योजना की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की हालिया टिप्पणी के मद्देनजर आईबीसी में संशोधन की योजना बनाई गई है। जनवरी 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने कथित तौर पर टिप्पणी की थी कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) की मंजूरी के बिना दिवालिया हिंदुस्तान नेशनल ग्लास (HNG) लिमिटेड के अधिग्रहण के लिए एजीआई ग्रीनपैक लिमिटेड की बोली अस्थिर है और इसे रद्द किया जाना चाहिए।
शीर्ष अदालत के आदेश में कहा गया था, “एजीआई ग्रीनपैक की समाधान योजना अस्थिर है क्योंकि यह दिवाला और दिवालियापन संहिता (IBC) की धारा 31(4) के प्रावधान के तहत अनिवार्य सीसीआई से पूर्व अनुमोदन प्राप्त करने में विफल रही। नतीजतन, अपेक्षित सीसीआई अनुमोदन के बिना 28 अक्टूबर, 2022 की तारीख वाले समाधान योजना को लेनदारों की समिति (CoC) की ओर से दी गई मंजूरी को बरकरार नहीं रखा जा सकता है और इसे रद्द किया जाता है।”